जीवन एक अवसर है, जहाँ सब उपलब्ध है| वह सब उपलब्ध है जिससे हम आप्तकाम हो जायें|
जीवन में आनंद आता नहीं, लाना पड़ता है| जीवन में आनंद मिलता नहीं अर्जित करना पड़ता है| आनंद प्रयत्न है, संकल्प है, श्रम है| आनंद साधना है|
सूत्र: जन्म को सब कुछ नहीं मन लेना चाहिए|
सूत्र: जीवन को मनुष्य इस भांति स्वीकार करता है कि उस स्वीकृति के कारण ही जीवन से आनंद पैदा होने कि सारी गुंजाईश टूट जाती हैं| सारे द्वार बंद हो जाते हैं|
उधृत: "समुंद सामना बूँद में" लेखक ओशो
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