१) हर पल में जीने की कोशिश करें| सहजता से करें|
२) अति गंभीरता से जीवन को न लें| बड़ी सरलता से लें, जैसे खेल को लेंते हैं| वैसे ही जीवन को लें|
३) कोई अधैर्य, कोई जल्दी ना करें| जितनी जल्दी करेंगे उतनी ही देर हो जाती है| और जो जितने धीरता से खड़ा रहताहै, वो उतने ही जल्दी ग्रहण कर लेता है|
उधृत "साक्षी की साधना" द्वारा ओशो
Monday, April 20, 2009
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